Arjun Ki Chhal:अर्जुन की छाल ( Bark ) अर्जुन के पेड़ से निकाली जाती है, इस पेड़ का वानास्पतिक नाम Terminalia Arjun है | यह कॉम्ब्रेटेसी ( Combretaceae Family Plants ) कुल का सदस्य है और अंग्रेजी भाषा में अर्जुन के पेड़ को Arjuna Myrobalan कहा जाता हैं |
भारत में इस पेड़ को अर्जुन के पेड़ के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद में अर्जुन की छाल के बहुत ही शारीरिक फायदों और गुणों के बारे में बताया गया है |
आइये जानते है की किस तरह से अर्जुन की छाल हमारे लिए लाभकारी है और कैसे इसको उपयोग में ले सकते है –
Arjun ki Chhal Ke Fayde – अर्जुन की छाल के क्या क्या फायदे होते है ?
अर्जुन के पेड़ की छाल को उतारकर उसे पीसकर बारीक पाउडर के रूप में तैयार किया जाता और इसे काढ़ा बनाकर या इसकी चाय बनाकर पी जाती है यह हमारे शरीर के लिए निम्लिखित रूप से लाभकारी होती है –
Arjun Chhal benefits for heart health – हृदय के लिए लाभकारी
- यह Heart के Health एवं Functions को Improve करने में मदद करती है जिससे Heart Healthy रहता है और हमारी लम्बी उम्र होती है |
- रक्त वाहिकाओ को Smooth बनता है जिससे Blood का प्रवाह सही गति के साथ हो पाता है |
- हृदय की Damaged Muscle Tissue भी Improve होती है |
- Heart Attack की बीमारियों में लाभकारी हैं |
Benefits of Arjun chhal in high blood pressure- Arjun Ki Chhal ke Blood Pressure main labh
- अर्जुन की छाल नसों को खोल देती है|
- यह Blood Cholesterol Level को कम करती है जिससे Triglycerides लेवल कम होता है |
- शरीर में High Blood Pressure को भी कम करती है और रक्त वाहिकाओ को भी Smooth बनाती है |
- खून को पतला करती है और खून में थक्का ( Blood Clotting ) बनने से रोकती है जिससे ब्लॉकेज ( Blockage ) होने का खतरा कम होता है |
Benefits of arjun chhal as an immunity system booster- रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना
- अर्जुन की छाल से बना पाउडर शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है जिससे शरीर को बीमारियों से लड़ने में मजबूती मिलती है और सर्दी, खांसी जुकाम जैसी मौसमी बीमारिया जल्दी से नहीं होती |
- अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है इसलिए यह शरीर की गर्मी को दूर करती है , पित्त रोग लाभदायक है |
- इसके अलावा अर्जुन की छाल से शुगर, मोटापे, उच्च रक्तचाप , त्वचा सम्बंधित रोगो में लाभ मिलता है |
- Digestive system को Improve करती है |
- यह एसिडिटी , उल्सर एवं पेट की गैस में भी फायदेमद है |
- शरीर में जमा टॉक्सिन्स को बहार निकालती है जिससे लिवर और किडनी स्वस्थ रहते है|
- इसको पीने से लिवर के चारो तरफ जमा फैट भी हटता है और Fatty Liver की समस्या में भी राहत मिलती है |
How to use arjun ki chhal – अर्जुन की छाल को कैसे उपयोग में ले?
अर्जुन की छाल आपको नजदीक की किसी भी पंसारी की दुकान पर मिल जाएगी आप इसकी छाल को लेकर घर पर आसनी से पीसकर इसका चूर्ण बना सकते सकते है इसके अलावा यह आपको किसी भी आयर्वेदिक दवाइयों की दुकान या Online भी आसानी मिल जयेगा |
इसको उपयोग में लेना बहुत ही आसान है , इसको निम्न दो तरीको से आप काम में ले सकते है
- पानी के साथ
- दूध के साथ
पानी के साथ अर्जुन की छाल का काढ़ा कैसे बनाये –
एक गिलास पानी ले और इसमें अर्जुन की छाल या इससे बना हुवा पाउडर, एक छोटा चम्मच डालकर इस पानी को उबालते है | अर्जुन की छाल का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है इसलिए आप पानी में थोड़ा गुड़ या चीनी या मिश्री डाल सकते है |
इस पानी को जब तक उबालना है जब तक की यह पानी आधा गिलास न रह जाये | अब इस पानी को छानकर इसे थोड़ा ठंडा होने के बाद पी सकते है |
दूध के साथ –
आप इसकी चाय भी बना कर पी सकते है | एक गिलास दूध में एक छोटा चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर मिलकर इसको तब तक उबालते है जब तक की यह दूध आधा गिलास रह जाये | इसमें आप चीनी गुड़ या शक़्कर मिश्री जो आपको ठीक लगे डालकर इसको छानकर पी सकते है |
अर्जुन की छल को दाल चीनी के साथ भी पी सकते है |
कोनसे समय पीना चाहिए ?
इसको सुबह के समय जब आप खाली पेट हो तब पीना सबसे ज्यादा लाभकारी है | आप सुबह उठकर सबसे पहले इसकी चाय बनाकर पी सकते है | और इसको पीने के पश्चात कुछ देर तक कुछ भी नहीं खाये |
कितने समय तक पीना चाहिए ?
इसको कम से कम 1 महीने और अधिकतम 6 महीने तक पीयेंगे तो आपको अपने शरीर में इसके लाभ नजर आएंगे इसके पश्चात आप कुछ दिन का अंतराल रखकर फिर इसे वापस से शुरू कर सकते है |
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