Jaipur Tourist Places-जयपुर राजस्थान राज्य की राजधानी है। 1876 में प्रिंस ऑफ वेल्स भारत दौरे पर आये। चूँकि गुलाबी रंग आतिथ्य सत्कार का प्रतीक था, इसलिए जयपुर के महाराजा राम सिंह ने पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंगवा दिया था , इसीलिए इसे गुलाबी नगरी भी कहा जाता है।
महाराजा सवाई जय सिंह ने पारंपरिक राजपूताना स्थापत्य शैली के अनुसार शहर के निर्माण को संरक्षण दिया। बंगाल के मुख्य वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार थे | जयपुर शहर का लेआउट शिल्प शास्त्र के सिद्धांतों पर आधारित था।
जयपुर संस्कृति और इतिहास दोनों में समृद्ध है। राजस्थान की राजधानी होने के नाते, कई लोग इसे भारत में घूमने के लिए एक आवश्यक स्थान मानते हैं। शहर में अद्वितीय सुंदरता है, और आप निश्चित रूप से यात्रा के उद्देश्य से फिर से वापस आना चाहेंगे।
आइये जानते है जानते है जयपुर के बारे में विस्तार से यंहा क्या क्या देखने लायक है और यंहा घूमने के लिए सही समय क्या रहता है –
Jaipur Tourist Places List – जयपुर पर्यटन स्थल
जयपुर में घूमने और देखने लायक बहुत से पर्यटक स्थल हैं| पूरा जयपुर घूमने के लिए आपको 2 से 3 दिन का समय चाहिए | यंहा जयपुर के 13 Best Jaipur Tourist Places List दी गई और इन सबके बारे में विस्तार से भी बताया गया है |
जयपुर पर्यटन स्थल ( Jaipur Tourist Places ) |
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1 | बिड़ला मंदिर ( Birla Mandir ) |
2 | गोविन्द देवजी मंदिर ( Govind Devji ) |
3 | मोतीडूंगरी गणेश जी मंदिर ( Moti Dungri Ganesh Mandir ) |
4 | गलता मंदिर ( Galta Mandir ) |
5 | अल्बर्टहॉल संग्रहालय ( Albert Hall Museum ) |
6 | सिटी पैलेस ( City Palace ) |
7 | जंतर मंतर ( Observatory ) |
8 | हवामहल ( Wind Palace ) |
9 | जलमहल ( Lake Palace ) |
10 | आमेर का किला ( Amber Fort ) |
11 | जयगढ़ का किला ( Jaigarh Fort ) |
12 | नाहरगढ़ का किला ( Nahargarh Fort ) |
13 | वैक्स म्युसियम ( Wax Museum ) |
14 | कनक घाटी ( Kanak Ghati ) |
15 | नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क
( Nahargarh biological park ) |
16 | रामनिवास गार्डन ( Ramnivas Garden ) |
17 | राजमंदिर सिनेमा ( Raj Mandir Cinema ) |
यहां देखने के लिए तीन खूबसूरत किले (Forts ) हैं-
- आमेर किला
- जयगढ़ किला
- नाहरगढ़ किला
आमेर का किला ( Amber Fort Jaipur )
यह किला जयपुर का सबसे बेहतरीन स्मारक है। इसे आमेर का किला या अम्बर फोर्ट ( Amber Fort ) भी कहा जाता है। आमेर किले को 2013 में ‘राजस्थान के पहाड़ी किले’ की श्रेणी में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। मीनाओं के चंदा वंश के शासक एलन सिंह ने आमेर शहर और आमेर किले की स्थापना की।
यह किला अपने मजबूत महल के साथ-साथ अपने परिवेश की राजसी भव्यता के लिए भी उल्लेखनीय है; यह हिंदू और मुस्लिम वास्तुकला का एक अच्छा मिश्रण है।
आमेर किला जयपुर का एक अविश्वसनीय ऐतिहासिक स्थान है। 16वीं शताब्दी में निर्मित, यह राजपूत सैन्य वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है।
खूबसूरत आंगनों, बगीचों और महलों से भरपूर यह किला घूमने के लिए एक शानदार जगह है। किले से दृश्य मनमोहक हैं, और यह कुछ आश्चर्यजनक तस्वीरें लेने के लिए एक शानदार जगह है।
राजा मानसिंह ने मूल महल बनवाया था। अतिरिक्त विस्तार मिर्जा राजा जय सिंह और आमेर के अंतिम महाराजा सवाई सिंह द्वितीय द्वारा किया गया, जिन्होंने जयपुर नामक एक नया शहर बनाया, जहां उन्होंने 1727 में अपनी राजधानी स्थानांतरित की।
महल परिसर भव्य रूप से अलंकृत है और आमेर की समृद्धि को प्रदर्शित करता है।
आमेर के किले के कुछ मुख्य भाग निम्न है –
सार्वजनिक दर्शकों का हॉल (दीवान-ए-आम )
यह मीटिंग हॉल आम लोगों को संबोधित करने और उनकी समस्याओं को सुनने के लिए बनाया गया है.
हॉलोफ़ प्राइवेट (दीवाने-ए-ख़ास )
यह निजी बैठकों के लिए बनाया गया एक मीटिंग हॉल है।
सुख निवास
सुख-निवास (आनंद महल), राजा का निजी अपार्टमेंट जहां वह आराम करने के लिए सेवानिवृत्त हुए थे, शीश महल के सामने है।
शीश महल
आमेर के किले का शीश महल बहुत ही खूबसूरत है| इस महल की दीवारों और छत को रंगीन खूबूसरत शीशे के टुकड़ो से सजाया हाय है | शीश महल में दर्पण उत्तल है, इसका निर्माण 1600 के दशक के अंत में राजा मान सिंह के शासनकाल के दौरान किया गया था।
केसर क्यारी बगीचा
“केसर क्यारी बगीचे ” का नाम बगीचे में उगने वाले केसर के नाम से सम्बंधित है | यह उद्यान जयपुर में आमेर किले के ठीक पहले मावठा झील पर है।
इस उद्यान में तारे के आकार के फूलों की क्यारियाँ हैं, जिन्हें महाराजाओं ने कभी केसर के साथ लगाया था, लेकिन राजस्थान के वातावरण के अनुकूल नहीं होने के कारण यह यहाँ नहीं उग सका।
Amber Fort के आसपास देखने लायक अन्य स्थल हैं-
- जगत शिरोमणि मंदिर
- नरसिंह जी मंदिर,
- पन्ना मीना की सीढ़ीदार दीवार
- नक्काशीदार शाही कब्रें
प्रवेश शुल्क ( Amber Fort Entry Fee )
आमेर किले (अंबर पैलेस) में भारतीय नागरिक के लिए प्रवेश शुल्क 200/- रुपये प्रति व्यक्ति है, एवं विदेशी नागरिक के लिए 500/- रुपये प्रति व्यक्ति है।
समय ( Amber Fort Timing )
प्रातः 8:00 बजे से सायं 5:30 बजे तक
नाहरगढ़ किला ( Nahargarh Fort Jaipur )
नाहरगढ़ किला शहर से 600 फीट की ऊंचाई पर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और इसे 1734 में महाराजा स्वाई जय सिंह द्वितीय ने शहर की सुरक्षा के लिए बनवाया था। इसे सुदर्शन किले के नाम से भी जाना जाता है।
Hight पर होने की वजह से यंहा से आप पूरा जयपुर देख सकते है | बरसात के मौसम में तो हरियाली यंहा से और खूबसूरत नजर आती है |Photography के लिए शानदार जगह है | पहाड़ी के किनारे एक पत्थर की दीवार बनी हुई है, और हवा मंदिर और माघवेंडर अपनी उत्कृष्ट नक्काशी के लिए प्रसिद्ध हैं। नाहरगढ़ किले को ‘रंग दे बसंती’ और ‘शुद्ध देसी रोमांस’ जैसी प्रसिद्ध फिल्मों में दिखाया गया है।
प्रवेश शुल्क ( Nahargarh Fort Entry Fee )
नाहरगढ़ किले में भारतीय नागरिक के लिए प्रवेश शुल्क 50/- रुपये प्रति व्यक्ति और विदेशी नागरिक के लिए 200/- रुपये प्रति व्यक्ति है।
समय ( Nahargarh Fort Timing )
सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
जयगढ़ का किला ( Jaigarh Fort Jaipur )
यह नाहरगढ़ किले के नजदीक ही स्थित है | यंहा पहाड़ी की चोटी पर खड़े होकर, आमेर के महलों और शहर को देख सकते है | यह किला अरावली रेंज और माओटा झील का उत्कृष्ट दृश्य प्रदान करता है और ईगल्स की पहाड़ी के ऊपर बनाया गया है, जिसे चील का टीला भी कहा जाता है।
जयगढ़ किले का मूल उद्देश्य युद्ध की स्थिति में आमेर किले के लिए हथियार, कवच, गोला-बारूद और आपूर्ति का भंडारण करना था।
दुनिया की सबसे बड़ी पहियों वाली तोप जय बाण, यहां स्थित है, जिसे महाराजा सवाई जयसिंह के शासनकाल के दौरान बनाया गया था| इसमें बीस फीट लंबे बैरल हैं। एक बार तोप में 100 किलो बारूद डालना पड़ता है। यह तोप जयगढ़ किले के अंदर बनाई गई थी और कहा जाता है कि इसने कई प्रसिद्ध राजपूत लड़ाइयों और युद्धों में भाग लिया था। किले के अंदर अन्य आकर्षणों में विलास मंदिर, आराम मंदिर, लक्ष्मी विलास और ललित मंदिर शामिल हैं।
प्रवेश शुल्क ( Jaigarh Fort Entry Fee )
एक भारतीय नागरिक के लिए जयगढ़ किला जयपुर प्रवेश शुल्क 100 रुपये प्रति व्यक्ति है। एक विदेशी नागरिक के लिए 200 प्रति व्यक्ति।
समय ( Jaigarh Fort Timing )
सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
जल महल – Jal Mahal Jaipur ( Lake Palace Jaipur )
जयपुर में जल महल (Lake Palace ) एक शानदार संरचना है यह महल आमेर के रास्ते में स्थित झील की सतह पर तैरती हुवा प्रतीत होता है। यह महल मान सागर झील के मध्य में स्थित है।
अष्टकोणीय आकृतियों में डिज़ाइन की गई चार विस्तृत छतरियाँ महल के चारों कोनों को सुशोभित करती हैं। इस महल का निर्माण करने में लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है।अपने उत्कर्ष के दिनों में, जल महल के छत उद्यान को मेहराबदार मार्गों से सजाया गया था।
महल की छत पर एक विशाल बंगाल शैली की आयताकार छतरी भी मौजूद है।
प्रवेश शुल्क ( Jal Mahal Entry Fee )
महल आगंतुकों के लिए खुला नहीं है, इसलिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है| हालाँकि, मान सागर झील के चारों ओर एक मार्ग पर्यटकों को जल महल देखने की अनुमति देता है।
समय ( Jal Mahal Timing )
चूँकि जल महल के अंदर जाना वर्जित है इसलिए इसे दिन के किसी समय भी बहार से ही देख सकते है| सुबह 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक का समय बहुत अच्छा रहता है | जल महल के किनारे ही पर्यटकों के लिए Night Market भी लगता है |
जंतर मंतर – Jantar Mantar Jaipur ( Observatory / Astronomical Observation )
यह भारत के सबसे अच्छे और सबसे बड़े जंतर मंतर में से एक है।
जंतर मंतर 18वीं शताब्दी में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित एक विश्व धरोहर स्मारक है| इसका उपयोग आकाश में नक्षत्रों और तारों के स्मारक का अध्ययन करने के लिए किया जाता था।
विशाल धूपघड़ी अभी भी सटीक समय प्रदान करती है, जो दैनिक सुधार के अधीन है। उनका उपयोग लोगों के ज्योतिषीय चार्ट को पढ़ने, ग्रहण की भविष्यवाणी करने और शुभ विवाह तिथियों को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
प्रवेश शुल्क ( Jantar Mantar Entry Fee )
भारतीय नागरिको के लिए जंतर मंतर जयपुर में प्रवेश शुल्क 50 रुपये प्रति व्यक्ति है |
विदेशी नागरिको के लिए 200 प्रति व्यक्ति हैं |
समय ( Jantar Mantar Timing )
सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
सिटी पैलेस – City Palace Jaipur
सिटी पैलेस, जयपुर की स्थापना महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा 1729 से 1732 तक की गई थी| शहर के मध्य में स्थित, यह राजपूत और मुगल वास्तुकला का मिश्रण है।
इसके केंद्र में सात मंजिला चंद्र महल है, जहां से बगीचों और शहर का अच्छा दृश्य दिखाई देता है। संग्रहालय विभिन्न अद्वितीय हस्तशिल्प उत्पादों और अन्य चीजों को प्रदर्शित करता है जो सिटी पैलेस की शाही विरासत से संबंधित हैं।
दीवान-ए-आम (सार्वजनिक दर्शकों का हॉल) में जटिल सजावट और पांडुलिपियों का संग्रह है। दीवाने-ए-खास (निजी दर्शकों का हॉल) में एक संगमरमर की गैलरी है, और मुबारक महल में वेशभूषा और वस्त्रों का एक समृद्ध संग्रह है।
सिलेह खन्ना के पास शस्त्रागार और हथियारों का संग्रह है। यहां तीन द्वार हैं, जिनमें से वीरेंद्र पोल और उदय पोल जनता के लिए खुले हैं।
प्रवेश शुल्क ( City Palace Entry Fee )
भारतीय नागरिको के लिए सिटी पैलेस जयपुर में प्रवेश शुल्क 200 रुपये प्रति व्यक्ति है।
विदेशी नागरिको के लिए प्रति व्यक्ति 700/- रु. प्रति व्यक्ति है |
समय (City Palace Timing )
सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
हवामहल ( Wind Palace Jaipur-Jaipur tourist places )
हवा महल, 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा निर्मित, जयपुर के सबसे पहचानने योग्य स्मारकों में से एक है। हवा महल लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से बना है और इसकी पिरामिड संरचना है जो लगभग भगवान कृष्ण के मुकुट जैसा दिखता है।
हवा महल, भारत के जयपुर में स्थित, गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित एक आश्चर्यजनक महल है। इसका निर्माण 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा किया गया था और इसे हिंदू देवता कृष्ण के मुकुट के रूप में लाल चंद उस्ताद द्वारा डिजाइन किया गया था।
यह पांच मंजिल ऊंचा है, इसमें एक छत और छोटी खिड़कियां हैं जो हवा को महल से गुजरने देती हैं। यह महल अपनी जटिल वास्तुकला, 900 से अधिक खिड़कियों और जटिल नक्काशी के कारण एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बन गया है।
यह अपनी अनूठी वास्तुकला और सुंदर शहर के दृश्यों के कारण फोटोग्राफी के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है।
365 खिड़कियों और लटकती जालीदार बालकनियों वाला 5 मंजिला आश्चर्यजनक अष्टकोणीय स्मारक राजपूत वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना है। महल के आंतरिक भाग में कक्ष, मार्ग और स्तंभ हैं। यह बिना नींव की सबसे ऊंची इमारतों में से एक है।
महल के निर्माण के पीछे मुख्य कारण शाही घराने की महिलाओं को बाहर से अदृश्य रहते हुए सड़कों पर उत्सव मनाने की अनुमति देना था, जैसा कि भूमि की प्रथा थी।
हवा महल देखने का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है | जब सूरज की रौशनी जब खिड़कियों से कमरों में प्रवेश करती है तो महल सुनहरे सूरज की रोशनी से जगमगाता है। महल की निचली मंजिल में एक पुरातत्व संग्रहालय के साथ आंगन हैं।
प्रवेश शुल्क ( Hawamahal Entry Fee )
भारतीय नागरिको के लिए हवा महल जयपुर में प्रवेश शुल्क 25/- रुपये प्रति व्यक्ति है।
विदेशी नागरिको के लिए 100/- प्रति व्यक्ति।
समय (Hawa Mahal Timing )
सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
अल्बर्टहॉल संग्रहालय – Albert Hall Museum Jaipur ( Central Museum Jaipur )
अल्बर्ट हॉल संग्रहालय एम.आई. पर राम निवास गार्डन में स्थित है।
इस खूबसूरत इमारत की स्थापना 1876 में प्रिंस अल्बर्ट द्वारा की गई थी |
1887 में इसे एक सार्वजनिक संग्रहालय के रूप में खोला गया था।
इसमें पुरातात्विक और हस्तशिल्प वस्तुओं का दुर्लभ संग्रह है।
इस संग्रहालय की अद्भुत वास्तुकला ने हमेशा विभिन्न शास्त्रीय भारतीय शैलियों को प्रभावित किया है,
चाहे वह फारस के मुगल हों या शाही राजपूत।
अल्बर्ट हॉल संग्रहालय जयपुर का प्रवेश शुल्क ( Albert Hall Entry Fee )
भारतीय नागरिक के लिए अल्बर्ट हॉल संग्रहालय जयपुर में प्रवेश शुल्क रु. 25/- प्रति व्यक्ति है
विदेशी नागरिक के लिए 100/- प्रति व्यक्ति।
अल्बर्ट हॉल संग्रहालय जयपुर का समय ( Albert Hall Timing )
सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
जयपुर घूमने का सबसे अच्छा समय कोनसा होता है – Best time to visit Jaipur tourist Places
राजस्थान में गर्मी बहुत अधिक पड़ती है|
गर्मी के मौसम में यंहा का तापमान 24 डिग्री से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।
जयपुर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक सर्दियों के महीनों के दौरान है।
सर्दियों में यंहा का मौसम घूमने के लिए अच्छा होता है |
देश विदेश से लाखो पर्यटक जयपुर घूमने आते है|
जयपुर के पर्यटन स्थलों की यात्रा कैसे करें- How to visit Jaipur tourist places
यह शहर अच्छे अंतर-शहर परिवहन द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
सभी पर्यटन स्थलों तक पहुंचने के लिए आसानी से टैक्सी, ऑटो रिक्शा एवं बस उपलब्ध है |
यंहा आपको Prepaid Taxi Service एवं Ola & Uber जैसी Taxi Services भी उपलब्ध हैं|
परिवहन के ये सभी साधन सभी पर्यटक स्थलों के लिए आसानी से उपलब्ध हैं |
जयपुर से उदयपुर की दूरी ( Jaipur to Udaipur distance )
दोनों शहरो के बीच की दुरी 395 किलोमीटर हैं |
यात्रा का समय यातायात की स्थिति और उपलब्धता पर निर्भर करता है।
इसके अतिरिक्त, इन शहरों के बीच ट्रेनें और उड़ानें भी उपलब्ध हो सकती हैं।
जयपुर से दिल्ली की दूरी ( Jaipur to Delhi Distance )
बस या कार दवारा यात्रा करने पर जयपुर से दिल्ली की दूरी 281 किमी है।
कारों या बसों के लिए यात्रा का समय मार्ग के आधार पर भिन्न हो सकता है,
लेकिन दूरी तय करने में आमतौर पर 5-6 घंटे लगते हैं।
जयपुर के नजदीक घूमने की जगह ( Places to visit near Jaipur City )
जयपुर से निम्नलिखित स्थानो पर जा सकते है –
- आगरा ( Agra )
- अजमेर पुष्कर ( Ajmer- Pushkar )
- खाटूश्याम जी ( Khatu Shyam ji -Sikar District )
- सालासर बालाजी ( Salasar Balaji )
- भानगढ़ का किला ( Bhangarh Fort )
- चाँद बावड़ी ( Chand Baori (stepwell) in the Abhaneri village Bandikui Agra Road )
पर्यटकों के लिए सामान्य जानकारी – Jaipur Tourist Places General Information
- कोशिश करे की सर्दियों के मौसम में ही Jaipur Tourist Places घूमने जाए |
- दिसंबर में Christmas और New Year Celebration पर Tourist बहुत अधिक होते है|
- Advance Hotel Booking कर ले तो ज्यादा अच्छा रहेगा |
- Peak Season में Hotel Room बहुत महंगा हो सकता है |
- प्रत्येक जगह के लिए अलग टैक्सी लेने के बजाये Complete Jaipur Sightseeing के एक ही Taxi फिक्स कर ले |
- Jaipur Sightseeing का समय सुबह 9 से 5 बजे तक का होता है |
- सभी मुख्य बाजार सुबह 10 बजे से शाम 10 बजे तक खुले रहते है |
- गर्मियों में धुप से बचने के लिए आप Water Bottle और Cap साथ रखे |
- हवामहल के आसपास आपको जयपुर की प्रसिद्ध राजाइया, बेडशीट्स, हैंडीक्राफ्ट्स आदि मिल जायेंगे|
- कुछ शॉप पर आप मोलभाव ( Bargaining ) भी कर सकते है |
- Hotel Booking के लिए आप Direct Hotel में भी Rooms बुक कर सकते है|
यह भी देखे – Nahargarh Biological Park Jaipur